Tuesday, September 29, 2015

Solutions against extremism through pluralism, Lenin Raghuvanshi



Lenin Raghuvanshi is speaking in the second Global Tolerance Forum 2015 "Solutions
against extremism through pluralism".Please listen speech in follows
link:
https://www.youtube.com/watch?v=A5nj9ATD3cE

Crisis of democracy and the Caste System in India: http://www.pvchr.net/2014/09/crisis-of-democracy-and-caste-system-in_23.html

‘Banaras Convention’ for a comprehensive, medley, plural and inclusive culture: 



It is noted that in this program along with me Ms. Helle Merete Brix​, a journalist, author and lecturer, Mr. Kjell Magne Bondevik, a president of the Oslo Center for Peace and Human Rights and Ex- Prime Minister of Norway, Mr. Suleman Nagdi​, Loretta Napoleoni, an Italian journalist and
political analyst, Haras Rafiq, Shanthikumar Hettiarachchi​, Tino Sanandaji, a Kurdish economist, Iyad El-Baghdadi, a writer, human rights activist and Maryam Faghihimani were the key speakers.

Please read follows links:

#drammen #tolerance #varanasi #kashi #modi #RG #india #pluralism 

Saturday, September 26, 2015

तूफानी मुसहर और उसके परिवार की लगातार लड़ाई के बाद आखिर पुलिस को दर्ज करना ही पडा मुकदमा










मजदूरी मांगने पर मालिक ने जीभ काटा

आज से तीन दिन पहले जब शाम को तूफानी मुसहर और उसके भाई पीवीसीएचआर के दफ्तर में आये तब तूफानी मुंह पर गमछा बांधे हुए था लेकिन बाहर झांकती उसकी आँखों में ढेर सारा खौफ था . पता लगा कि वह जौनपुर जिले के मुगरा बादशाहपुर का निवासी है . लेनिन ने कहा देखिये दबंगों ने इसकी जीभ ही काट ली है . जीभ में दस टाँके लगाये गए हैं . और तो और मारपीट में इसके आगे के लगभग सारे दांत टूट गए हैं . सचमुच यह सुनना भयावह था और घटना का शिकार व्यक्ति ऐन मेरे सामने था .
लेकिन इससे भी अधिक भयानक यह था कि पुलिस ने उसका मामला दर्ज करने से न केवल इंकार कर दिया बल्कि यह धमकी देते हुए वहां से भगा दिया कि भाग जाओ , अगर दुबारा यहाँ आओगे तो उलटे केस में बंद कर दूंगा . इसके बाद पीड़ित ने जिलाधिकारी जौनपुर और पुलिस अधीक्षक जौनपुर के पास लिखित शिकायत की जिसपर उन्होंने एस ओ मुंगरा बादशाहपुर को निर्देशित किया वे उसका एफ आई आर दर्ज करें और मेडिकल कराएँ . लेकिन इस पर भी एस ओ ने एफ आई आर दर्ज नहीं किया . जब मुकदमा नहीं दर्ज हुआ तो सरकारी अस्पताल में न उसे भर्ती किया गया और न ही खून से सनी उसकी जीभ का इलाज किया गया बल्कि कुछ हलकी-फुलकी दवाइयां देकर उसे भगा दिया गया . अपने मुंह से लगातार गिरते खून के साथ तूफानी ने एक प्राइवेट अस्पताल में जाकर इलाज करवाया .
अपने पुराने अनुभवों से लेनिन जानते हैं कि ऐसे तमाम सारे मामले धमकियों , हमलों और लालच के बिना पर दबा दिए जाते हैं और गरीबी और लाचारी के मारे पीड़ित उत्पीड़कों के मनमुताबिक समझौते करने पर मजबूर हो जाते हैं . इसलिए सबसे पहले उसका मेडिकल कराया जाना और आत्मकथन रिकॉर्ड करना जरूरी था . हालाँकि तूफानी पढ़ा-लिखा है और वह अपनी बात अच्छी तरह तरह लिख सकता है लेकिन फ़िलहाल उसमें इतनी ताकत बाकी नहीं थी कि वह कुछ लिख पाता और फिर ऐसे हालात में उससे लिखने की उम्मीद करना ज्यादती भी थी . लिहाज़ा कैमरे के सामने तूफानी खड़ा था और उसका भाई उसके साथ हुई घटना की तफसील रिकॉर्ड करा रहा था .
तूफानी मुसहर वल्द मल्लू मुसहर गाँव गरियाव , थाना मुंगरा बादशाहपुर जिला जौनपुर का रहने वाला है . वह उसी जाति का सदस्य है जिसे बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार महादलित कहते हैं . कहीं कहीं उन्हें आदिवासी भी माना जाता है . गाँव के बाहर झोंपड़ी बनाकर रहने वाले उत्तर प्रदेश के मुसहर अमूमन खेत मज़दूरी , लकड़ी काटकर  और दोना-पत्तल बनाकर अपनी आजीविका चलाते हैं . अभी तक उनमें शिक्षा की बहुत थोड़ी रोशनी आ पाई है . 
तूफानी और उसका भाई भी थोडा बहुत पढ़ पाए लेकिन गरीबी ने उन्हें जल्दी ही खटकर खाने पर मजबूर कर दिया . लिहाज़ा बहुत दिनों तक बेलदारी करते-करते तूफानी एक दिन राजमिस्त्री बन गया और आसपास के इलाकों में मकान बनाकर वह अपनी रोटी कमाने लगा . पिछले दिनों उसी के गाँव गरियाव के निवासी संतोष कुमार शुक्ला उर्फ़ पप्पू ने उससे अपने मकान में पलस्तर लगवाया और कुछ समय बाद मज़दूरी देने का वादा किया लेकिन जब तूफानी ने वादे के मुताबिक अपना बकाया मेहनताना माँगा तो संतोष हीलाहवाली करने लगा .फिर भी अपनी जायज़ बकाया मज़दूरी के लिए तूफानी ने बार-बार तगादा जारी रखा . वह जब भी अपना रुपया मांगता तब-तब संतोष आनाकानी करता . होते-होते एक दिन इसी मसले को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई . उस समय संतोष ने तूफानी को धमकाया कि दुबारा पैसा मत मांगना नहीं तो अच्छा नहीं होगा .
अब तूफानी को लगने लगा कि उसका रूपया डूब गया . धमकी और संतोष की आर्थिक और जातीय हैसियत को देखते हुए वह चुप लगा गया और फिर कभी पैसे नहीं मांगे . लेकिन संतोष के मन में यह कुंठा बनी रह गई कि एक मुसहर ने उससे पैसे के लिए कहासुनी कर ली . उसे यह भी लगता कि तूफानी भले चुप रह गया हो लेकिन कभी न कभी तो वह फिर अपना पैसा मांगेगा ही .
पांच सितम्बर 2015 को रात में करीब 9 बजे संतोष तूफानी के घर मोटर सायकिल से आया और कहने लगा कि तूफानी सारी बीती बातें ख़त्म करो . आओ चलो तुमको जन्माष्टमी का मेला दिखाकर लाता हूँ . वापसी में तुम्हारे पैसे भी दे दूंगा . इसपर तूफानी को लगा कि इससे अच्छी क्या बात होगी कि उसकी बकाया मज़दूरी भी मिल जाये और आपसी मनमुटाव भी दूर हो जाये . इसलिए तूफानी बहुत भरोसे के साथ संतोष के साथ चला गया .
रात को एक बजे जन्माष्टमी का मेला देखने के बाद जब तूफानी संतोष की मोटर सायकिल से वापस घर आ रहा था तो रास्ते में नहर की पुलिया के पास संतोष के साथी पुट्टन सरोज और पप्पू सरोज पहले से मौजूद मिले . संतोष ने मोटर सायकिल वहीँ रोक दी . फिर तीनों अचानक तूफानी को जातिसूचक गालियाँ देने लगे . उन्होंने कहा – साले मुसहर तेरी इतनी औकात हो गई है कि तुम हमलोगों से तगादा करने लगे हो . बहुत चलती है तुम्हारी जबान न . आज इसे ही काट देते हैं फिर कभी न चलेगी .इसके बाद तीनों उसे ज़मीन पर गिराकर लात-घूंसों से मारने लगे . फिर पुट्टन और पप्पू ने तूफानी को पकड़ लिया और संतोष ने रिवाल्वर निकालकर धमकाया –अगर चिल्लाये तो जान से मार दूंगा . फिर संतोष ने एक छोटा सा चाकू निकाला और तुफानी की जीभ को बीच से फाड़ दिया . तीनों ने मारकर उसके कई दांत भी तोड़ दिए . जब तूफानी की चीख-पुकार सुनकर जन्माष्टमी का मेला देखकर लौटने वाले कुछ लोग उसे बचाने दौड़े तो तीनों उसे छोड़कर भाग गए लेकिन रिवाल्वर दिखाते हुए धमकाते भी गए कि यदि पुलिस को सूचना दिए तो जान से मार देंगे .

तूफानी के भाई ने बताया कि जब वे लोग और उनकी माँ मुंगरा बादशाहपुर थाने गए तो संतोष वहां पहले से ही मौजूद था और तूफानी को देखते ही गाली देने लगा . वह अपने इलाके का दबंग है और उसका असर यह था कि थाने पर मौजूद पुलिसवाले ने भी तूफानी को भगा दिया . उसका कहना था कि तुम्हें यह चोट गिरने से आई है और यहाँ फर्ज़ी रिपोर्ट लिखाने आये हो . इसी तरह अस्पताल में उसके साथ हुआ . संतोष वहां भी पहले से मौजूद था और उसने उसे गालियाँ दी . जब जौनपुर में उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई बल्कि लगातार जान से मार डालने की धमकियाँ मिलती रहीं तो वह वहां से भागने पर मजबूर हुआ . उसी इलाके के एक अधिवक्ता जो पी वी सी एच आर के मॉडल ब्लॉक कोआर्डिनेटर शिव प्रताप चौबे के मित्र हैं , ने यह सूचना पी वी सी एच आर कार्यालय को भिजवाई जिससे तूफानी यहाँ आया .

पांच दिन से पी वी सी एच आर कार्यालय में रहते हुए भी तूफानी का भय कम नहीं हुआ है क्योंकि संतोष शुक्ला न केवल जगह-जगह घूमकर जान से मारने और अगर बच गया तो गुप्तांग काट लेने की धमकी दे रहा है बल्कि वह और मुंगरा बादशाहपुर का दरोगा उसकी माँ पर दबाव बनाकर उसे थाने में लाने को मजबूर कर रहे हैं . यह वही दरोगा है जिसने तूफानी की रिपोर्ट लिखने की जगह उसे भगा दिया था . पी वी सी एच आर कार्यकर्ता द्वारा दरियाफ्त किये जाने पर वह कहता है कि वह झूठ बोलता है कि उसकी जीभ संतोष शुक्ला ने काटी है बल्कि वह सायकिल से गिर गया है . फ़िलहाल तूफानी का इलाज तो चल रहा है लेकिन सरकारी अस्पताल में उसका इलाज न होने से उसका केस कमजोर हो जाने की शंका है जो कि संतोष शुक्ला को साफ बच निकलने का रास्ता बना सकता है . साफ जाहिर होता है कि स्थानीय पुलिस संतोष को बचाने का कुत्सित प्रयास कर रही है . लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि पुलिस कप्तान के कहे जाने पर भी स्थानीय पुलिस पीड़ित के प्रति सहानुभूति दिखाने की बजाय उसे धमका रही है . यहाँ तक कि आई जी के कार्यालय से फोन जाने पर दरोगा ने जवाब दिया कि वह यहाँ आया ही नहीं .

उत्तर प्रदेश जैसे जातिवाद ग्रस्त राज्य में किसी सवर्ण दबंग द्वारा किसी दलित के ऊपर अत्याचार किये जाने की यह कोई नई घटना नहीं है लेकिन जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के यहाँ गुहार करने पर भी पीड़ित की कोई सुनवाई न हो तो इस मामले की संगीनी समझ में आने लगती है कि  उत्पीड़कों और अत्याचारियों के हौसले कितने बुलंद हो चुके हैं . साथ ही इस बात पर भी गौर किया जाना चाहिए कि मज़दूरी मांगने पर किसी दलित मजदूर की जीभ फाड़ डालना और दांत तोडना और इसके बावजूद हर कहीं से उसे गालियाँ देकर भगाना और जान से मारने की धमकी देना इस बात का सबूत है कि दलित उत्पीड़न आज भी लोगों के लिए कितना आसान है . सत्ता चाहे किसी की रही हो दलित हमेशा उत्पीडित किये जाते रहे हैं . मायावती हों या मुलायम या अखिलेश उन्होंने ऐसे लोगों को हमेशा प्राथमिकता दी है जो उनके लिए बाहुबल का उपयोग करते रहे हैं . वे चाहे ब्राह्मण हों या गैर ब्राह्मण . ऐसे में उनके सामने दलित सबसे सॉफ्ट टार्गेट रहे हैं . इस प्रकार सत्ता और दलितों का अंतर्संबंध हमेशा वही नहीं होता जो उपरी तौर पर निर्धारित और परिभाषित किया जाता है .
फिर भी एक छोटा सा सवाल मन में उठ रहा है कि बहुत साधन संपन्न और दबंग दलित से यह उम्मीद की जा सकती है कि वह किसी गैर दलित की जीभ फाड़ दे या दांत तोड़ दे ? क्या इतिहास और वर्तमान अब तक के अनुलोम उत्पीड़न के प्रतिलोम हो जाने के उदाहरण पेश करता है ?
लगता है कि सारी आधुनिकता , राष्ट्रवाद और अन्तर्राष्ट्रवाद , सूचना और टेक्नोलाजी से संपन्न सत्ताएं अपने अस्तित्व के लिए पतनशील जातिवाद और उसके मनोविज्ञान को बड़ी मुसतैदी से बचाए हुए हैं . सारी राजमशीनरी अपने हिसाब से इसी एजेंडे पर काम कर रही हैं . अगर ऐसा न होता तो हज़ारों की संख्या में बलात्कार की शिकार होने वाली महिलाएं शत-प्रतिशत दलित और पिछड़ी जातियों की ही न होतीं . उनमें अच्छी खासी संख्या सवर्ण स्त्रियों की भी होती . बेशक बलात्कार एक घिनौना और अक्षम्य अपराध है . 

Victim recieved Rs 5 Lakh as a Compensation by advocacy of PVCHR


Case Details of File Number: 116/11/6/2012
Diary Number
25653
Name of the Complainant
MANGLA PRASAD, MEMBER-GOVERNING BOARD
Address
MANAVADHIKAR JAN NIGRANI SAMITI, SA 4/2 A, DAULATPUR,
VARANASI , UTTAR PRADESH
Name of the Victim
PRAJITHA
Address
BELLUR,
KASARGUD , KERALA
Place of Incident
KOCHI
KASARGUD , KERALA
Date of Incident
Not Mentioned
Direction issued by the Commission
These proceedings shall be read in continuation of the earlier proceedings of the Commission dated 28.05.2013. On 28.05.2013, the Commission observed and directed thus: "Accordingly the Commission recommends an additional amount of Rs.4,00,000/- (Rupees Four Lakhs only) to be paid to the next-of-kin of the diseased. Principal Secretary, Health & Family Welfare Department, Government of Kerala, be directed to intimate the progress of the Departmental Enquiry against the errant public servants". Pursuant to the directions of the Commission, the Principal Secretary, Health & Family Welfare, Govt. of Kerala, submitted a report dated 14.08.2013. The report revealed that Departmental Enquiry has been finalised against the errant officials of General Hospital, Kasargod and Dr. Narayana Naik and Dr. Vasanthy K., Junior Consultant have been barred of one increment without cumulative effect for one year as per Government Orders. The Dy. Secretary, Govt. of Kerala, Health & Family Welfare (G) Department, submitted a report dated 27.09.2013 alongwith a report of the Principal Secretary to Govt., Health & Family Welfare Department, Govt. of Kerala, dated 14.08.2013. The report revealed that Next-of-Kin of Kumari Prajitha, has been paid a sum of Rupees 5,00,000/- (including Rs. 4,00,000/-, recommended by the Commission) in instalments i.e. Rupees one lakh on 22.08.2011, Rupees 1.5 lakhs on 08.12.12 and Rupees 2.5 lakhs by way of Demand Draft on 16.07.2013. The Commission perused the record and observed that report of Govt. of Kerala has paid the compensation to the Next-of-Kin of the deceased Kumari Parajitha and the erring doctors of the Govt. Hospital, have been penalised, Hence the Commission is not inclined to proceed further in the matter. The case is closed. A copy of these proceedings be forwarded to the mother of the deceased at the address available on record.
Action Taken
Status on 9/26/2015





आखिर क्यों पुलिस ने साधुओ व बटुको को पीटा


Thursday, September 24, 2015

Step of UP Government against impunity


---------- Forwarded message ----------
From: <apkacm-up@nic.in>
Date: Thu, Sep 24, 2015 at 12:11 PM
Subject: Confirmation
To: minority.pvchr@gmail.com



Dear Mr, LELIN RAGHUWANSHI
                  Your letter is received on 11/09/2015 at Chief Minister's Office Email id cmup@nic.in, has been sent to Principal Secretary/Secretary Home, Confidential and Jail for further action, Computer number of your reference is PG05691652 dated 23/09/2015. For further details, please visit the Chief Minister Office website upcmo.up.nic.in.




Akhilesh Yadav     



Disclaimer : This is a system-generated mail only for information purpose and is not liable to be produced in any court of law as an evidence. Kindly do not respond to this mail.

मुख्यमंत्री कार्यालय में आवेदन की स्थिति
कम्प्यूटर संख्या  
अथवा *
बार कोड संख्या

मोबाइल नंबर

(कृ. अपने मोबाइल के मात्र दस अंक भरें, +91, 0 ना लगायें )
* कम्प्यूटर संख्या व बारकोड संख्या में से कोई एक अंकित करें

कम्प्यूटर सँख्या : PG05691652 , प्रेषित तिथि 23/09/2015, पत्रांक : -PG05691652/लो.शि.-2/2015
विषय : दबंगो द्वारा मुसहर जाति के मजदूर द्वारा मजदूरी मांगने पर बुरी तरह मारने आदि के संबंध में।
प्रेषक : डा.लेनिन रघुवंशी , सा0 4/2 ए दौलतपुर , वाराणसी , उत्तर प्रदेश
प्रेषित : प्रमुख सचिव/सचिव, गृह एवं गोपन,कारागार, उत्तर प्रदेश शासन
संदर्भ प्रकार : आख्‍या
सन्दर्भ स्थिति - लम्बित/ अनिस्तारित
सम्बन्धित अधिकारी/विभाग द्वारा भरी गयी सूचना-
अध्यावधिक स्थिति : -
सम्बन्धित अनुभाग : -
सम्बन्धित जनपद : -
जवाब भेजे जाने की तिथि : -
अभियुक्ति : -


Wednesday, September 23, 2015

अर्जेंट अपील : भारत : उत्तर प्रदेश में कानून का राज या पुलिस व दबंग के सांठ गाँठ का राज ?

 भारत : उत्तर प्रदेश में कानून का राज या पुलिस व दबंग के सांठ गाँठ का राज ?

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मुद्दा : उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मुंगराबादशाहपुर थाने में तैनात होमगार्ड संतोष शुक्ला से तूफानी मुसहर (अनुसूचित जाति) द्वारा अपनी मजदूरी मांगने पर जीभ काट लिए जाने की घटना में पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश के बावजूद भी मुंगराबादशाहपुर थानाध्यक्ष द्वारा मुकदमा पंजीकृत न किये जाने के सन्दर्भ में |
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23 सितम्बर, 2015

 प्रिय साथियो,

मानवाधिकार जननिगरानी समिति के कार्यालय में हमारे एक कार्यकर्ता के परिचित से यह सुचना मिली कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के थाना मुंगराबादशाहपुर थानान्तर्गत गाँव गरियांव में एक मुसहर द्वारा अपनी बकाया मजदूरी माँगने पर मालिक ने उसकी जुबान (जीभ) काट ली | जिसकी सुचना पुलिस को देने व पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा मुकदमा पंजीकृत करने व मेडिकल कराने के लिखित निर्देश के बावजूद भी मुंगराबादशाहपुर थानाध्यक्ष द्वारा आज तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया बल्कि पीड़ित व उसके घरवालो को धमकी दे रहे है कि इस केस में कोइ कार्यवाही न करे वरना किसी केस में फसा कर जेल भेज देंगे, जिसके कारण पीड़ित व उसका छोटा भाई आज तक छुपकर रहने को मजबूर है |

केस का विवरण :

पीड़ित : तूफानी मुसहर पुत्र मल्लू मुसहर

पता   : ग्राम गरियांव, थाना मुंगराबादशाहपुर जिला – जौनपुर (उत्तर प्रदेश), भारत |

 आरोपीगण : संतोष शुक्ला उर्फ़ पप्पू शुक्ला (होमगार्ड) पुत्र श्री राम आधार शुक्ला

            पुटटन सरोज पुत्र श्री गौरीशंकर सरोज

            पप्पू सरोज पुत्र श्री गौरीशंकर सरोज

पता   : ग्राम गरियांव, थाना मुंगराबादशाहपुर जिला जौनपुर (उत्तर प्रदेश), भारत |

 घटना स्थल एवं घटना का दिनांक : 05-सितम्बर 2015 की रात, नहर की पुलिया के पास, ग्राम गरियांव, थाना – मुंगराबादशाहपुर जिला – जौनपुर (उत्तर प्रदेश), भारत |

         

घटना का विवरण:

05 सितम्बर 2015 की रात उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के अंतर्गत थाना मुंगराबादशाहपुर ग्राम गरियांव के निवासी तूफानी मुसहर की जीभ संतोष शुक्ला ने सिर्फ इस वजह से काट दिया, क्योंकि तूफानी मुसहर संतोष शुक्ला से अपनी बकाया मजदूरी माँग रहा था | यह घटना रात के लगभग 1 बजे के समय की है, जब संतोष शुक्ला तूफानी मुसहर को जन्माष्टमी का मेला दिखाने के बहाने घर से ले जाकर वापसी में आते समय रास्ते में अपने दो अन्य साथियों पुटटन सरोज और पप्पू सरोज के साथ मिलकर तूफानी मुसहर से मारपीट की और जीभ खींचकर धारदार चाकू से काट दिया जिससे तूफानी घटनास्थल पर ही बेहोश हो गया | भोर में तूफानी को जब होश आया तब खून से लथपथ हाल में किसी तरह घर पहुंचा | 6 सितम्बर, को दिन में लगभग 10 बजे थाना मुंगराबादशाहपुर पहुचे तब आरोपी संतोष शुक्ला जो पहले से ही थाने पर मौजूद था उसने थाने के गेट पर ही इन लोगो को गंदी गंदी गाली और धमकी देते हुए भगा दिया और कहा कि यदि कही और शिकायत करोगे तो जान से हाथ धो बैठोगे | जिसके बाद पीड़ित और उसका परिवार डर कर थाने से चुपचाप चले गए | जिसके पश्चात पीड़ित और उसके परिजन मुंगराबादशाहपुर के सरकारी अस्पताल में गए परन्तु वहाँ पर भी संतोष शुक्ला उनके पहुचने से पहले ही वहाँ पहुच गया जिससे वहाँ पर डाक्टरों ने पीड़ित का इलाज नहीं किया बल्कि उसको जौनपुर जिला अस्पताल या इलाहाबाद में इलाज करवाने हेतु रिफर कर दिया | संतोष शुक्ला की पहुँच को देखते हुए पीड़ित डर के मारे फिर सरकारी अस्पताल में नहीं गए बल्कि पीड़ित के परिजनों ने एक प्राईवेट अस्पताल में तूफानी का इलाज करवाया जहाँ उसकी जीभ में 10 टाँके लगे |

उसके पश्चात् पीड़ित व उसका छोटा भाई न्याय के आस में एक वकील से मिलकर कानूनी कार्यवाही हेतु शिकायत पत्र तैयार करवाया चूँकि तूफानी ने आठवीं तक स्कूल पढाई की थी सो वकील को लिखकर आपबीती बताया |  

      7 सितम्बर 2015 को पुलिस अधीक्षक जौनपुर से शिकायत करने पर उनके द्वारा शिकायत पत्र पर थाना को  एफ० आई० आर० दर्ज करने और मेडिकल कराने के लिए मार्क किया | लेकिन थाने जाने पर थानाध्यक्ष द्वारा उन्हें बहुत गंदी गंदी व जाति सूचक गाली देते हुए यह कह कर भगा दिया कि साले झूठी शिकायत लिखवाते हो तुम्हे चोट एक्सीडेंट होने के कारण लगा है और फिर दुबारा थाने ना आने की हिदायद देते हुए वहाँ से भगा दिया | साथ ही यह भी धमकी दी कि अब यदि कही और शिकायत करोगे तो तुमलोग को केस में फसा कर जिन्दगी भर जेल में सडा दूंगा |

बार-बार थाने से भगा दिए जाने से निराश होकर वकील की राय से तूफानी मुसहर अपने भाई अनिल मुसहर के साथ मानवाधिकार जननिगरानी समिति के केन्द्रीय कार्यालय वाराणसी पहुंचे |

12 सितम्बर, 2015 को समिति के कार्यकर्ताओं के सहयोग से तूफानी और उसके भाई अनिल मुसहर पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र से उनके कार्यालय में मिलकर शिकायत की गयी | जिस पर उनके पेशकार द्वारा मुंगराबद्शापुर थाने में फोन कर इस सन्दर्भ में जानकारी मांगी गयी तब थाना से उन्हें बताया गया कि पीड़ित थाना में आया ही नही | जिसके बाद पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र महोदय द्वारा इस घटना में एफ०आई०आर० दर्ज करते हुए पीड़ित का मेडिकल कराने का निर्देश दिया | लेकिन आज तक घटना में न ही एफ०आई०आर० दर्ज किया गया न ही मेडिकल हुआ | 14 सितम्बर, 2015 को संस्था के सहयोग से पीड़ित द्वारा प्राईवेट स्तर पर वाराणसी जिले के श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय सरकारी अस्पताल में मेडिकल परिक्षण कराया |

      तूफानी मुसहर पुत्र मल्लू मुसहर अनुसूचित जाति का राजगीर मिस्त्री का काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था | तूफानी ने आठवीं तक की पढ़ाई गाँव के ही सरकारी विद्यालय में की है | पीड़ित के परिवार में उसके पिता मल्लू मुसहर, माता मुन्नी देवी, दो छोटे भाई सोनू मुसहर, अनिल मुसहर एवं पत्नी – रचना, 4 बच्चियाँ – राधा, दीपा, ख़ुशी, रौशनी है | आरोपी संतोष शुक्ला उर्फ़ पप्पू शुक्ला पुत्र श्री राम आधार शुक्ला ग्राम गरियांव के सवर्ण जाति के दबंग व्यक्ति हैं और काफ़ी बड़े काश्तकार हैं | संतोष शुक्ला उर्फ़ पप्पू शुक्ला वर्तमान में होमगार्ड के पद पर मुंगराबादशाहपुर थाना में ही नियुक्त हैं और जो ऊँची विरादरी का और पुलिस की वर्दी का रौब दिखा कर गरीब वंचित लोगों को प्रताड़ित करता है | राजगीर मिस्त्री तूफानी मुसहर ने संतोष के घर में प्लास्टर का काम किया था, काम समाप्त होने के बाद जब संतोष शुक्ला से तूफानी मुसहर ने अपनी नौ सौ रूपये (900/-) बकाया मजदूरी माँगी तो वो टाल गए | इसी तरह कई बार मजदूरी माँगने पर संतोष शुक्ला उसे बार-बार टालते रहे और माँ-बहन की भद्दी-भद्दी गाली देने लगते | 5 सितम्बर 2015 को भी तूफानी ने संतोष के घर जाकर अपनी मजदूरी फिर से मांगी, लेकिन उस दिन भी उन्होंने उसकी मजदूरी देने से मना कर दिया | उसी दिन रात करीब नौ बजे संतोष शुक्ला तूफानी मुसहर के घर आये और तूफानी से बोले की पिछली सारी बातें भुला दो चलो जन्‍माष्‍टमी का मेला देखने चलते हैं वापसी में तुम्हारे बकाया पैसे भी दे दूँगा । रात करीब 1 बजे जब संतोष और तूफानी जन्माष्टमी का मेला देखकर वापस लौट रहे तो रास्ते में नहर की पुलिया के पास संतोष ने बाइक रोक दी । यहां संतोष के अन्‍य दो दोस्‍त पुटटन सरोज और पप्‍पू सरोज पहले से ही वहां मौजूद थे । वहां पहुँचते ही बाइक रोकने के साथ जैसे संतोष का रूख ही बदल गया | संतोष सहित उसके दोस्तों ने तूफानी मुसहर को अचानक बुरी तरह मारने पीटने लगे और जातिसूचक गालियाँ देते हुए बोले कि, साले मुसहर तेरी इतनी औकात हो गयी है कि तुम हमलोगों से तगादा करने लगे हो बहुत चलती है तुम्हारी जुबान आज इसे काट ही देते हैं | यह कहते हुए तीनों मिलकर जमीन पर गिराकर लात-घूसों से और बुरी तरह पिटाई करने लगे | इसी बीच पुटटन सरोज और पप्पू सरोज ने तूफानी मुसहर को पकड़ लिया और संतोष शुक्ला ने रिवाल्वर दिखाकर तूफानी को जान से मार देने की धमकी देते हुए कहा कि चिल्लाओगे तो तुरन्त गोली तुम्हारे सीने में उतार दूंगा | यह कहते हुए एक छोटा सा तेज धार वाला चाक़ू निकालकर तूफानी की जीभ पकड़कर खींचते हुए बीच से फाड़ दिया और तूफानी को उसी हालत में तड़पते छोड़कर भाग निकले | तीनों ने मिलकर तूफानी को इतनी बुरी तरह पीटा था कि उसके आगे के तीन दांत टूट गये चेहरे में भी काफी गंभीर चोट आई | थानाध्यक्ष महोदय ने पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर भी कोई कदम नही उठाया नहीं FIR दर्ज की गयी ना ही पीड़ित का मेडिकल परिक्षण हुआ | अंत में चिकित्सीय सहायता के लिए पीड़ित के परिवार ने पीड़ित को एक प्राइवेट डाक्टर को दिखाया जहाँ तूफानी के जीभ में दस टांके लगाये गए | 12 सितम्बर, 2015 को मानवाधिकार जननिगरानी समिति ने पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र, पुलिस अधीक्षक जौनपुर, पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश, प्रधानमंत्री भारत सरकार और मुख्‍यमंत्री उत्तर प्रदेश से लिखित शिकायत की है । इसके बावजूद अभी तक जौनपुर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है । इस कारण दबंग के हौसले और बुलंद हैं और पीड़ित अपना घर-बार और बाल-बच्चों को छोड़कर दूसरी जगह रह रहा है । इस घटना में कोई क़ानूनी पहल न करने के लिए पीड़ित कि माँ को लगातार धमकी दी जा रही है | जबकि मुंगराबादशापुर थाना द्वारा आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही किये जाने से उनके हौसले बुलंद हैं |

पुलिस अधीक्षक जौनपुर, पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र, के निर्देशों के बाद भी थाना मुंगराबादशाहपुर में आज तक घटना की प्राथमिकी (एफ०आई०आर०) दर्ज नही की गयी | जिससे थानाध्यक्ष पर आरोपियों का गहरा प्रभाव और थानाध्यक्ष द्वारा कानून के उल्लंघन और अपने वरिष्ठों के निर्देशों की अनदेखी करना आरोपी और थाना के गठजोड़ को स्वयं उजागर कर रहे हैं | थाना मुंगराबादशाहपुर  बिना मुकदमा दर्ज किये ही इस निष्कर्ष पर पहुंच गया है कि पीड़ित को चोट लगी है उसकी पिटाई नही हुई और ना ही जीभ काटी गयी है |

अत: इस मामले में अविलम्ब उचित क़ानूनी कार्यवाही करते हुए जांच-पड़ताल उपरान्त विभिन्न महत्वपूर्ण धाराओं में आरोपियों के खिलाफ़ कार्यवाही किया जाए | पीड़ित के साथ न्याय किया जाये |

उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध है कि –

1-    आरोपियों के खिलाफ़ महत्वपूर्ण गंभीर धाराओं के साथ SC/ST अधिनियम के अंतर्गत भी मुक़दमा दर्ज किया जाए और तत्काल आरोपी व दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही अविलम्ब किया जाय |

2-    पीड़ित व उसके परिजनों की आरोपियों से सुरक्षा प्रदान किया जाए |

3-    यातना पीड़ित व उसके परिवार को पुनर्वास हेतू 10 लाख रुपया मुआवज़ा प्रदान किया जाए |

4-    इस महत्वपूर्ण व संवेदनशील केस को किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी सी०बी०आई०/सी०बी०आई०डी० से कराया जाए |

भारत सरकार से अनुरोध है कि –

1-    राज्य सभा में लंबित PTB/UNCAT को अविलम्ब लागू किया जाए |
2-    यातना व संघठित हिंसा रोकथाम के लिए मज़बूत क़ानून बनाया जाए |
3-    पुलिस सुधार की सभी संस्तुतियों को अविलम्ब लागू किया जाए |
Please see the following link :
http://www.pvchr.net/2015/09/blog-post.html
http://beyondheadlines.in/2015/09/threat-to-kill/
https://www.saddahaq.com/the-first-assault-on-labor-demand-then-tried-to-bite-the-tongue-now-threatens-to-kill

Please watch video :
https://www.youtube.com/watch?v=7-8hwfU4dt0


पत्र का नमूना

सेवा,

..........      ...........................................

......................................................

......................................................

 विषय : उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मुंगराबादशाहपुर थाने में तैनात होमगार्ड संतोष शुक्ला से तूफानी मुसहर (अनुसूचित जाति) द्वारा अपनी मजदूरी मांगने पर जीभ काट लिए जाने की घटना में पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश के बावजूद भी मुंगराबादशाहपुर थानाध्यक्ष द्वारा मुकदमा पंजीकृत न किये जाने के मामले में कृपया त्वरित कार्यवाही करने के सन्दर्भ में |

 महोदय,

      मुझे यह सुचना मिली है कि निम्नवत केस में कृपया त्वरित कार्यवाही करने की कृपा करे |

 पीड़ित : तूफानी मुसहर पुत्र मल्लू मुसहर

पता   : ग्राम गरियांव, थाना मुंगराबादशाहपुर जिला – जौनपुर (उत्तर प्रदेश), भारत |

आरोपीगण : संतोष शुक्ला उर्फ़ पप्पू शुक्ला (होमगार्ड) पुत्र श्री राम आधार शुक्ला

            पुटटन सरोज पुत्र श्री गौरीशंकर सरोज

            पप्पू सरोज पुत्र श्री गौरीशंकर सरोज

पता   : ग्राम गरियांव, थाना मुंगराबादशाहपुर जिला जौनपुर (उत्तर प्रदेश), भारत |

 घटना स्थल एवं घटना का दिनांक : 05-सितम्बर 2015 की रात, नहर की पुलिया के पास, ग्राम गरियांव, थाना – मुंगराबादशाहपुर जिला – जौनपुर (उत्तर प्रदेश), भारत |

        
घटना का विवरण: 

05 सितम्बर 2015 की रात उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के अंतर्गत थाना मुंगराबादशाहपुर ग्राम गरियांव के निवासी तूफानी मुसहर की जीभ संतोष शुक्ला ने सिर्फ इस वजह से काट दिया, क्योंकि तूफानी मुसहर संतोष शुक्ला से अपनी बकाया मजदूरी माँग रहा था | यह घटना रात के लगभग 1 बजे के समय की है, जब संतोष शुक्ला तूफानी मुसहर को जन्माष्टमी का मेला दिखाने के बहाने घर से ले जाकर वापसी में आते समय रास्ते में अपने दो अन्य साथियों पुटटन सरोज और पप्पू सरोज के साथ मिलकर तूफानी मुसहर से मारपीट की और जीभ खींचकर धारदार चाकू से काट दिया जिससे तूफानी घटनास्थल पर ही बेहोश हो गया | भोर में तूफानी को जब होश आया तब खून से लथपथ हाल में किसी तरह घर पहुंचा | 6 सितम्बर, को दिन में लगभग 10 बजे थाना मुंगराबादशाहपुर पहुचे तब आरोपी संतोष शुक्ला जो पहले से ही थाने पर मौजूद था उसने थाने के गेट पर ही इन लोगो को गंदी गंदी गाली और धमकी देते हुए भगा दिया और कहा कि यदि कही और शिकायत करोगे तो जान से हाथ धो बैठोगे | जिसके बाद पीड़ित और उसका परिवार डर कर थाने से चुपचाप चले गए | जिसके पश्चात पीड़ित और उसके परिजन मुंगराबादशाहपुर के सरकारी अस्पताल में गए परन्तु वहाँ पर भी संतोष शुक्ला उनके पहुचने से पहले ही वहाँ पहुच गया जिससे वहाँ पर डाक्टरों ने पीड़ित का इलाज नहीं किया बल्कि उसको जौनपुर जिला अस्पताल या इलाहाबाद में इलाज करवाने हेतु रिफर कर दिया | संतोष शुक्ला की पहुँच को देखते हुए पीड़ित डर के मारे फिर सरकारी अस्पताल में नहीं गए बल्कि पीड़ित के परिजनों ने एक प्राईवेट अस्पताल में तूफानी का इलाज करवाया जहाँ उसकी जीभ में 10 टाँके लगे |

उसके पश्चात् पीड़ित व उसका छोटा भाई न्याय के आस में एक वकील से मिलकर कानूनी कार्यवाही हेतु शिकायत पत्र तैयार करवाया चूँकि तूफानी ने आठवीं तक स्कूल पढाई की थी सो वकील को लिखकर आपबीती बताया |  

      7 सितम्बर 2015 को पुलिस अधीक्षक जौनपुर से शिकायत करने पर उनके द्वारा शिकायत पत्र पर थाना को  एफ० आई० आर० दर्ज करने और मेडिकल कराने के लिए मार्क किया | लेकिन थाने जाने पर थानाध्यक्ष द्वारा उन्हें बहुत गंदी गंदी व जाति सूचक गाली देते हुए यह कह कर भगा दिया कि साले झूठी शिकायत लिखवाते हो तुम्हे चोट एक्सीडेंट होने के कारण लगा है और फिर दुबारा थाने ना आने की हिदायद देते हुए वहाँ से भगा दिया | साथ ही यह भी धमकी दी कि अब यदि कही और शिकायत करोगे तो तुमलोग को केस में फसा कर जिन्दगी भर जेल में सडा दूंगा |

बार-बार थाने से भगा दिए जाने से निराश होकर वकील की राय से तूफानी मुसहर अपने भाई अनिल मुसहर के साथ मानवाधिकार जननिगरानी समिति के केन्द्रीय कार्यालय वाराणसी पहुंचे |

12 सितम्बर, 2015 को समिति के कार्यकर्ताओं के सहयोग से तूफानी और उसके भाई अनिल मुसहर पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र से उनके कार्यालय में मिलकर शिकायत की गयी | जिस पर उनके पेशकार द्वारा मुंगराबद्शापुर थाने में फोन कर इस सन्दर्भ में जानकारी मांगी गयी तब थाना से उन्हें बताया गया कि पीड़ित थाना में आया ही नही | जिसके बाद पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र महोदय द्वारा इस घटना में एफ०आई०आर० दर्ज करते हुए पीड़ित का मेडिकल कराने का निर्देश दिया | लेकिन आज तक घटना में न ही एफ०आई०आर० दर्ज किया गया न ही मेडिकल हुआ | 14 सितम्बर, 2015 को संस्था के सहयोग से पीड़ित द्वारा प्राईवेट स्तर पर वाराणसी जिले के श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय सरकारी अस्पताल में मेडिकल परिक्षण कराया |

      तूफानी मुसहर पुत्र मल्लू मुसहर अनुसूचित जाति का राजगीर मिस्त्री का काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था | तूफानी ने आठवीं तक की पढ़ाई गाँव के ही सरकारी विद्यालय में की है | पीड़ित के परिवार में उसके पिता मल्लू मुसहर, माता मुन्नी देवी, दो छोटे भाई सोनू मुसहर, अनिल मुसहर एवं पत्नी – रचना, 4 बच्चियाँ – राधा, दीपा, ख़ुशी, रौशनी है | आरोपी संतोष शुक्ला उर्फ़ पप्पू शुक्ला पुत्र श्री राम आधार शुक्ला ग्राम गरियांव के सवर्ण जाति के दबंग व्यक्ति हैं और काफ़ी बड़े काश्तकार हैं | संतोष शुक्ला उर्फ़ पप्पू शुक्ला वर्तमान में होमगार्ड के पद पर मुंगराबादशाहपुर थाना में ही नियुक्त हैं और जो ऊँची विरादरी का और पुलिस की वर्दी का रौब दिखा कर गरीब वंचित लोगों को प्रताड़ित करता है | राजगीर मिस्त्री तूफानी मुसहर ने संतोष के घर में प्लास्टर का काम किया था, काम समाप्त होने के बाद जब संतोष शुक्ला से तूफानी मुसहर ने अपनी नौ सौ रूपये (900/-) बकाया मजदूरी माँगी तो वो टाल गए | इसी तरह कई बार मजदूरी माँगने पर संतोष शुक्ला उसे बार-बार टालते रहे और माँ-बहन की भद्दी-भद्दी गाली देने लगते | 5 सितम्बर 2015 को भी तूफानी ने संतोष के घर जाकर अपनी मजदूरी फिर से मांगी, लेकिन उस दिन भी उन्होंने उसकी मजदूरी देने से मना कर दिया | उसी दिन रात करीब नौ बजे संतोष शुक्ला तूफानी मुसहर के घर आये और तूफानी से बोले की पिछली सारी बातें भुला दो चलो जन्‍माष्‍टमी का मेला देखने चलते हैं वापसी में तुम्हारे बकाया पैसे भी दे दूँगा । रात करीब 1 बजे जब संतोष और तूफानी जन्माष्टमी का मेला देखकर वापस लौट रहे तो रास्ते में नहर की पुलिया के पास संतोष ने बाइक रोक दी । यहां संतोष के अन्‍य दो दोस्‍त पुटटन सरोज और पप्‍पू सरोज पहले से ही वहां मौजूद थे । वहां पहुँचते ही बाइक रोकने के साथ जैसे संतोष का रूख ही बदल गया | संतोष सहित उसके दोस्तों ने तूफानी मुसहर को अचानक बुरी तरह मारने पीटने लगे और जातिसूचक गालियाँ देते हुए बोले कि, साले मुसहर तेरी इतनी औकात हो गयी है कि तुम हमलोगों से तगादा करने लगे हो बहुत चलती है तुम्हारी जुबान आज इसे काट ही देते हैं | यह कहते हुए तीनों मिलकर जमीन पर गिराकर लात-घूसों से और बुरी तरह पिटाई करने लगे | इसी बीच पुटटन सरोज और पप्पू सरोज ने तूफानी मुसहर को पकड़ लिया और संतोष शुक्ला ने रिवाल्वर दिखाकर तूफानी को जान से मार देने की धमकी देते हुए कहा कि चिल्लाओगे तो तुरन्त गोली तुम्हारे सीने में उतार दूंगा | यह कहते हुए एक छोटा सा तेज धार वाला चाक़ू निकालकर तूफानी की जीभ पकड़कर खींचते हुए बीच से फाड़ दिया और तूफानी को उसी हालत में तड़पते छोड़कर भाग निकले | तीनों ने मिलकर तूफानी को इतनी बुरी तरह पीटा था कि उसके आगे के तीन दांत टूट गये चेहरे में भी काफी गंभीर चोट आई | थानाध्यक्ष महोदय ने पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर भी कोई कदम नही उठाया नहीं FIR दर्ज की गयी ना ही पीड़ित का मेडिकल परिक्षण हुआ | अंत में चिकित्सीय सहायता के लिए पीड़ित के परिवार ने पीड़ित को एक प्राइवेट डाक्टर को दिखाया जहाँ तूफानी के जीभ में दस टांके लगाये गए | 12 सितम्बर, 2015 को मानवाधिकार जननिगरानी समिति ने पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र, पुलिस अधीक्षक जौनपुर, पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश, प्रधानमंत्री भारत सरकार और मुख्‍यमंत्री उत्तर प्रदेश से लिखित शिकायत की है । इसके बावजूद अभी तक जौनपुर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है । इस कारण दबंग के हौसले और बुलंद हैं और पीड़ित अपना घर-बार और बाल-बच्चों को छोड़कर दूसरी जगह रह रहा है । इस घटना में कोई क़ानूनी पहल न करने के लिए पीड़ित कि माँ को लगातार धमकी दी जा रही है | जबकि मुंगराबादशापुर थाना द्वारा आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही किये जाने से उनके हौसले बुलंद हैं |

पुलिस अधीक्षक जौनपुर, पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र, के निर्देशों के बाद भी थाना मुंगराबादशाहपुर में आज तक घटना की प्राथमिकी (एफ०आई०आर०) दर्ज नही की गयी | जिससे थानाध्यक्ष पर आरोपियों का गहरा प्रभाव और थानाध्यक्ष द्वारा कानून के उल्लंघन और अपने वरिष्ठों के निर्देशों की अनदेखी करना आरोपी और थाना के गठजोड़ को स्वयं उजागर कर रहे हैं | थाना मुंगराबादशाहपुर  बिना मुकदमा दर्ज किये ही इस निष्कर्ष पर पहुंच गया है कि पीड़ित को चोट लगी है उसकी पिटाई नही हुई और ना ही जीभ काटी गयी है |

अत: इस मामले में अविलम्ब उचित क़ानूनी कार्यवाही करते हुए जांच-पड़ताल उपरान्त विभिन्न महत्वपूर्ण धाराओं में आरोपियों के खिलाफ़ कार्यवाही किया जाए | पीड़ित के साथ न्याय किया जाये |

उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध है कि –

1-    आरोपियों के खिलाफ़ महत्वपूर्ण गंभीर धाराओं के साथ SC/ST अधिनियम के अंतर्गत भी मुक़दमा दर्ज किया जाए और तत्काल आरोपी व दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही अविलम्ब किया जाय |
2-    पीड़ित व उसके परिजनों की आरोपियों से सुरक्षा प्रदान किया जाए |
3-    यातना पीड़ित व उसके परिवार को पुनर्वास हेतू 10 लाख रुपया मुआवज़ा प्रदान किया जाए |
4-    इस महत्वपूर्ण व संवेदनशील केस को किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी सी०बी०आई०/सी०बी०आई०डी० से कराया जाए |

भारत सरकार से अनुरोध है कि –

1-    राज्य सभा में लंबित PTB/UNCAT को अविलम्ब लागू किया जाए |
2-    यातना व संघठित हिंसा रोकथाम के लिए मज़बूत क़ानून बनाया जाए |
3-    पुलिस सुधार की सभी संस्तुतियों को अविलम्ब लागू किया जाए |

Please see the following link :
http://www.pvchr.net/2015/09/blog-post.html
http://beyondheadlines.in/2015/09/threat-to-kill/
https://www.saddahaq.com/the-first-assault-on-labor-demand-then-tried-to-bite-the-tongue-now-threatens-to-kill

Please watch video :
1.    https://www.youtube.com/watch?v=7-8hwfU4dt0

धन्यवाद

आपका अपना


कृपया आप सभी मित्रो से निवेदन है कि कृपया इस न्याय की लड़ाई को जारी रखने और न्याय दिलाने हेतु कृपया निम्न पते पर अपना पत्र भेजें या ईमेल करें :

1.    Mr. Akhilesh Singh Yadav,

Chief Minister

Chief Minister's Secretariat, Lucknow

Uttar Pradesh - INDIA

Fax: + 91 522 223 0002 / 223 9234

E-mail: csup@up.nic.in 


2.    Chairperson,National Commission for Scheduled Castes

5th Floor, Lok Nayak Bhawan, Khan Market

New Delhi 110 003INDIA

Fax + 91 11 2463 2298



3.    The Prime Minister

Government of India,

Prime minister office,

New Delhi - 110101 - INDIA


E-mail : pmosb@pmo.nic.in


4.    Chairperson, National Human Rights Commission

Manav Adhikar Bhawan Block-C,

GPO Complex, INA, New Delhi, Delhi 110023



5.    The Registrar

Supreme court of India,

Tilak Marg, New Delhi - 110001 - INDIA.




6.    District Magistrate,

Jaunpur - Uttar Pradesh – 222002, India.

Fax No. - +91 05452 260201, 240240

E-mail - upjau@nic.in


7.    Ministry of Labour and Employment

Minister Labour and Employment,

120, A-Wing, Shram Shakti Bhawan,

New Delhi-110001 INDIA

Tel: +91 11 2371 0240/ 2371 751

8.    Superintendents of Police

Jaunpur- Uttar Pradesh – 222002, India.

          Tel & Fax No. - +91 5452 261660, 261203

            E mail : spabr-up@nic.in

9.    Director General of Police

1-B.N., Lahari Marg / Tilak Marg,

Lucknow - 226001 - Uttar Pradesh - INDIA

Fax No. - +91 522 2206120, 2206174



10.  Shri Atul, IPS

Commandant General Home Guards

Jail Road, Lucknow- 226 005 (Uttar Pradesh)

0522- 2451388(O)/0522- 2451412(O)


Please see the following link :
http://www.pvchr.net/2015/09/blog-post.html
http://beyondheadlines.in/2015/09/threat-to-kill/
https://www.saddahaq.com/the-first-assault-on-labor-demand-then-tried-to-bite-the-tongue-now-threatens-to-kill
http://paper.hindustantimes.com/epaper/viewer.aspx?noredirect=true

Please watch video :
https://www.youtube.com/watch?v=7-8hwfU4dt0


Urgent Appeal Desk (pvchr.india@gmail.com )
Peoples' Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR)
www.pvchr.asia
Telephone - +91-5422586688,
Cell. - +91 – 9935599333.                                
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