Thursday, January 24, 2013

वाराणसी पुलिस व माफियाओं का गठजोड़ मेरी या मेरे परिवार के सदस्यों की हत्या कर सकता है या फिर मुझे फँसा सकता हैं।:डा0 लेनिन

Details of casehttp://www.pvchr.net/2012/12/my-unheard-pain.html
Threat on 16 January 2013:http://www.petition-nhrc.blogspot.in/2013/01/fwd-0.html
सेवा में,
            श्रीमान् अध्‍यक्ष,
       राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग,
       नई दिल्‍ली।

महोदय,
मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना के खिलाफ पीडि़ता सपना चैरसिया ने 23 जनवरी, 2013 को प्रेसवार्ता किया और 24 जनवरी, 2013 को समाचार प्रकाशित हुआ (संलग्नक संख्या-1) और ठीक उसी दिन 24जनवरी, 2013 को तकरीबन 2:30 PM पर कैण्ट थाने का पुलिस कान्स्टेबिल आया और आकर नोटिस दी,जो संलग्न है। (संलग्नक संख्या-2)
पत्र में लिखा है कि श्री सुनील कुमार गुप्ता ने 16 जनवरी, 2013 को दिये गये शिकायती प्रार्थनापत्र पर माननीय पुलिस अधीक्षक (नगर) वाराणसी के आदेश से जाँच की जा रही हैं। विदित है कि 20 दिसम्बर, 2012 को श्री सुनील कुमार गुप्ता ने आकर मेरे कार्यालय पर धमकी दियाजिस पर मैनें शिकायती प्रार्थना पत्र वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वाराणसी को पंजीकृत पत्र से भेजा। (संलग्नक संख्या-3, पंजीकरण पत्र संख्या- EU13130760IN दिनांकित 21 दिसम्बर, 2012)
किन्तु उस पर अभी क कार्यवाही नही हुई। इस पत्र में मैने श्री सुनील कुमार गुप्ता द्वारा संस्था को फंसाने व देख लेने की धमकी की शिकायत थी। यही नहीपीडि़ता माननीया सपना चौरसिया द्वारा 03दिसम्बर, 2012 को भेजे शिकायती प्रार्थना पत्र (संलग्नक संख्या-4) व मेरे द्वारा 05 दिसम्बर, 2012 को भेजे शिकायती प्रार्थना पत्र (संलग्नक संख्या-5) पर पुलिस कार्यालयवाराणसी का महिला प्रकोष्ठ लीपापोतीउल्टा धमकी देने एवं दबाव बनाने का कार्य कर रहा है। जिस पर 19 जनवरी, 2013 को माननीया सपना चौरसिया (संलग्नक संख्या-6) द्वारा एवं 22 जनवरी, 2013 को मेरे द्वारा (संलग्नक संख्या-7) वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजा गया है। यही नहीराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले पर 15 दिसम्बर, 2012 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को 4 हफ्ते में जाँच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। (संलग्नक संख्या-8, केस संख्या-42218/24/72/2012/UCइसके अलावा वाराणसी पुलिस ने 2002 में श्री सुनील कुमार गुप्ता की पहली पत्नी सोनी गुप्ता के Hanging द्वारा अप्राकृतिक मृत्यु के मामले को भी रफा-दफा कर दिया है। (संलग्नक संख्या-9, पोस्टमार्टम संख्या 1280/2002) इससे श्री सुनील कुमार गुप्ता के रसूख व वाराणसी पुलिस से मिलीभगत का पता चलता हैं।
यदि माननीय सपना चौरसिया का बयान बहलफनामा समक्ष वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकवाराणसी को देखे,(संलग्नक संख्या-10) व उसका विडियों बयान सुने (संलग्नक संख्या-11) तो सपना सुनील कुमार गुप्ता को कई गैर कानूनी कार्यो में लिप्त बताया और कई बहेनामी माफियों का जिक्र करने का उदाहरण दिया हैं। पुलिस द्वारा उलझे इससे पहले कार्यवाही करने का भी जिक्र किया है। मुझे भी शहर के कई सफेद पोश लोगों का फोन मामले से हटने के लिए आया हैं।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि वाराणसी पुलिस व माफियाओं का गठजोड़ मेरी या मेरे परिवार के सदस्यों की हत्या कर सकता है या फिर मुझे फँसा सकता हैं। फंसाने की धमकी मुझे 20 दिसम्बर, 2012 को मिल चुकी है और धमकी के अनुसार वाराणसी पुलिस ने 16 जनवरी, 2013 से अपना कार्य शुरू कर दिया है।
कृपया मेरामेरे परिवार व सपना चौरसिया व उसके परिवार की रक्षा करते हुए सी0बी0सी0आई0डी0 या फिर सी0बी0आई0 से उच्च स्तरीय जाँच करायी जाए।  
भवदीय


(डा0 लेनिन)
महासचिव




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