Saturday, November 12, 2011

माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के निर्देश व पीडिता महजबीन की रजामन्दी के बावजूद न्यायालय - वाराणसी के ए.सी.जे.एम. कोर्ट -2 के माननीय न्यायधीश व अधिवक्ताओ अजय सिंह व अन्य द्दारा न्यायिक प्रकिया को अवरूध करना एवम नारी संरक्षण गृह – शिवपुर, वारारणसी से

सेवा मे,                                                नवम्बर 2011

 

माननीय मुख्य न्यायधीश ,

 

 सर्वोच्च न्यायालय

 

   नई दिल्ली

 

बिषय माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के निर्देश व पीडिता महजबीन की रजामन्दी  के बावजूद न्यायालय - वाराणसी के ए.सी.जे.एम. कोर्ट -2 के माननीय न्यायधीश व  अधिवक्ताओ अजय सिंह व अन्य द्दारा न्यायिक प्रकिया को अवरूध करना एवम नारी संरक्षण गृह – शिवपुर, वारारणसी से महजबीन के अपहरण मे सहयोग कराने के सम्बन्ध मे !

 

Case No -CRIMINAL REVISION No- 3907 of 2011(Allahabad High Court),

 

महोदय,

 

                   लेख है किमहजबीन @ मेघा नागर को दिनाँक नवम्बर 2011 को माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद, (उत्तर प्रदेश ) ने फैजुर्र्हमान @ राजुद्दीन @ राजु  ,निवासी एन 15/117 - डी-3,सुदामापुर, थाना- भेलूपुर , वाराणसी (उत्तर प्रदेश ) की याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने महजबीन को उसकी स्वेच्छा से रहने एवम नारी निकेतन से मुक्त करने का आदेश दिया था(निर्णय की प्रति संलग्न)

           फैजुर्रहमान ने यह याचिका माननीय ए.सी.जी.एम. 2,( वाराणसी न्यायालय ) के 13/09/2011 के निर्णय महजबीन को 30 दिन तक नारी संरक्षण गृह मे रखने के निर्णय के खिलाफ दाखिल किया था (निर्णय की प्रति संलग्न) परंतु नारी संरक्षण गृह – शिवपुर (वाराणसी) ने महजबीन को मुक्त नही करते हुए 3 नवम्बर 2011 को पुन: वाराणसी न्यायालय मे पेश किया जहाँ ए.सी.जी.एम् 2 ने महजबीन को दिनाँक 5 नवम्बर 2011 तक नारी निकेतन मे रखने तथा कोर्ट मे पेश करने का आदेश जारी किया ए.सी.जी.एम. 2 के सामने महजबीन ने एक बार फिर पुन: अपने पति के साथ जाने देने की और अपने पिता से सुरक्षा की गुहार लगायी । इस दौरान वाराणसी न्यायालय मे कानून के हितैषी अधिवक्त्ताओ ने महजबीन के अधिकारो और स्वेच्छा की माननीय न्यायालय वाराणसी मे ह्त्या कर दी ।अधिवक्त्ता अजय सिंह और उनके साथियो ने महजबीन को उसके पिता के साथ भेजने के लिये हंगामा खडा कर दिया । फैजूर्रहमान और उनके साथ आये हुए लोगो को न्यायालय परिसर से भागने की धमकी दी गयी । शाम 4 बजे के आस-पास न्यायालय ने आदेश जारी कर महजबीन को नारी निकेतन से मुक्त करने का आदेश जारी किया नारी निकेतन ले जाकर महजबीन को तत्काल मुक्त ? कर दिया गया नारी निकेतन मे मौजूद अभय राम नागर, निवासी -एन - 15/104 सी , सुदामापुर,वार्ड - नगवा, थाना- भेलूपुर –वाराणसी,  पिता के बडे भाई – रंजन राम नागर, महजबीन की रिश्तेदार महिला अधिवक्त्ता, पांच से छ: अन्य अधिवक्त्ता तथा कुछ अन्य लोग नारी निकेतन से जबरिया महजबीन को उठा (अपहरण) ले गये घटनास्थल पर अपनी पत्नी को ले जाने के लिये पहुचे फैजूर्रहमान, उनके साथी मुख्तार तथा मानवाधिकार कार्यकर्ता जहीर अनवर को वहा से हटने या जान खोने की धमकी दी गयी । उनके सामने ही महजबीन को वो लोग उठा ले गये। (बयान संलग्न )  महजबीन के बिरोध करने के बाद भी नारी निकेतन के कर्मचारियो ने कोई सहायता नही की। नारी निकेतन के कर्मचारी मामले को देख रहे थे फिर भी उन्होने न तो महजबीन को बचाया न ही पुलिस को सुचना दी नारी संरक्षण गृह शिवपुर वाराणसी से महजबीन का अपहरण होते ही महजबीन के पति फैजुर्रहमान ने तत्काल 100 नम्बर ( फोन नम्बर -9307202820 से लगभग 5.20-पी.एम.) पर सुचना दी तो वन्हा से कहा गया कि "जाकर थाने मे सुचना दोऔर फोन काट दिया गया. फैजूर्रहमान की सुचना पर मानवाधिकार कार्यकर्ता मृत्युञ्जय राय जब नारी निकेतन पहुचे और वन्हा गेट पर मौजूद कर्मचारीयो से महजबीन के समबन्ध मे पुछा तो कर्मचारियो ने  उन्हे और फैजुर्रहमान को गाली दिया और न भागने पर  पुलिस बुलाने और सारी गर्मी निकालने (धमकी ) की बात कही. मोबाईल नम्बर 7376556306 से पुन: फैजुर्ररहमान ने 5.32 पी.एम. पर 100 नम्बर पर फोन कर अपनी पत्नी के अपहरण की सुचना दी ,परंतु इक बार फिर फोन होल्ड कर दिया गया.

        महजबीन के अपहरण का एफ.आई.आर. कराने बजरडीहा पुलिस चौकी वाराणसी पर गयी महजबीन की सास रुखसाना को बजरडीहा चौकी द्दारा भेलूपुर थाना भेज दिया गया. भेलुपूर थाने पर एफ.आई.आर कराने गयी तो वहा मजुद पुलिसवाले ने बदतमीजि की और कहा लडकी का बाप नही ले जायेगा तो और कौन ले जायेगा भागो यन्हा से नही तो अन्दर कर दुगा।फैजूर्रहमान ने डी.आई.जी. वाराणसी के यन्हा फैक्स करने गया तो डी.आई.जी कार्यालय मे आकर देने को कहा गया ।  डी.आई.जी कार्यालय मे फैजूर्रहमान और मानवाधिकार कार्यकर्ता मृत्युञ्जय राय ने रात 9 बजे  डी.आई.जी को  घटना के समबन्ध मे बताया और माननीय उच्च न्यायालय,इलाहाबाद के 2 नवम्बर 2011 तथा वाराणसी न्यायालय के 13 सितम्बर 2011 के आदेश की प्रतिलिपि शिकायत पत्र के साथ लिखित मे सुचना दी। डी.आई.जी. रामकुमार ने भेलूपुर थाने के अधिकारी को कार्यवाही करने के निर्देश दिये  परंतु 8 नवम्बर 2011 तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नही की  

        

       महोदय, महजबीन @ मेघा नागर के धर्म परिवर्तन, प्रेम-विवाह और अपहरण के बीच पुलिस व्यवस्था, जिला स्तर के न्यायिक व्यवस्था मे अधिवक्ताओ और माननीय न्यायधीशो की भूमिका से उपजे सवालो के कारण एक उच्चस्तरीय स्वतंत्र न्यायिक जांच की आवश्यकता हो गयी है जिससे एक महिला और अल्पसंख्यक के मूल अधिकारो की रक्षा हो सके तथा महजबीन जैसी अन्य महिलाओ को न्याय मिल सके

 

Ø  महजबीन ने 27 जुलाई 2011 को अपने पैतृकधर्म हिन्दु को छोडकर इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया। अपने धर्म परिवर्तन की सुचना उसने जिलाधिकारी वाराणसी ( 17 अगस्त 2011 को रजिस्ट्रड डाक से) एवम जन साधारण को समाचारपत्रो मे बिज्ञापन (7 अगस्त 2011) के माध्यम से दे दिया था। (प्रतिलिपि संलग्न )

Ø  महजबीन के द्वारा अपने पैतृक धर्म (हिन्दु) बदलने एवम मुस्लिम युवक फैजुर रहमान से निकाह करने की इच्छा ब्यक्त करने पर पिता अभय राम नागर के द्वारा शारीरिक एवम मानसिक प्रताडि़त किया जाना लगा। परेशान होकर 21 अगस्त 2011 को पीडिता ने अपना घर छोड दिया और पुलिस चौकी बजरडीहा,थाना वाराणसी, पुलिस से सम्पर्क किया परन्तु पुलिस से सहायता नही मिली।

Ø   महजबीन ने 21 अगस्त 2011 की शाम को फैजुर रहमान पुत्र लियाकत गनी, म0न0 एन 15/117-डी-3 सुदामापुर, बँजरडीहा, थाना-भेलुपुर, जिला-वाराणसी से मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह कर लिया। (निकाहनामा संलग्न)

Ø  बजरडीहा चौकी के ईंचार्ज राघव राम मिस्रा द्दारा फैजूर्रहमान के परिवार वालो को परेशान करने पर उन्होने मानवाधिकार जन निगरानी समिति (पी.वी.सी.एच.आर) को सुचित किया।

Ø  मानाधिकार जन निगरानी समिति ने इस सम्बन्ध मे  23 अगस्त 2011 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,पुलिस महानिदेशक,डी. एम., डी.आई.जी-वाराणसी ,थाना इंचार्ज – भेलूपुर  को महजबीन की शादी के,बालिग होने के प्रमाण की प्रतिलिपी तथा पुलिस की कार्यवाही के समबन्ध मे सुचित कर दिया था। (शिकायत की प्रतिलिपि संलग्न )

Ø  24 अगस्त 2011 को महजबीन ने अपने धर्म परिवर्तन,निकाह और पिता से सुरक्षा से समबन्धित हलफनामा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, डी.जी.पी (उ0प्र0), डी.आई.जी-वाराणसी, थाना भेलूपुर को भेजा । (प्रतिलिपि संलग्न)

Ø  24 अगस्त 2011 को ही भेलूपुर पुलिस ने महजबीन के अपहरण के लिये फैजुर्रहमान और उसके पिता तथा माता पर एफ.आई.आर. दर्ज किया जबकि महजबीन ने भेलूपुर थाना को 21 अगस्त 2011 को ही अपने निकाह व पिता के उत्पीडन के सम्बन्ध मे सुचित किया था। अभय राम नागर ने अपनी एफ.आई.आर 22 अगस्त 2011 को डाक से भेजा था ।

Ø  27 अगस्त 2011 को महजबीन प्रकरण मे सहायता कर रहे मानवाधिकार कार्यकर्ता जहीर अनवर को उठा लिया ( शिकायत पत्र संलग्न )

Ø  राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के रात मे 12 बजे हुए हस्तक्षेप के बाद जहीर अनवर को पुलिस द्दारा छोडा गया

Ø   भेलुपुर पुलिस ने महजबीन को 27/28 अगस्त 2011 की रात 12.30 बजे उसके रिश्तेदारी से उठा लिया। मध्य रात मे की गयी कार्यवाही मे पुलिस के साथ कोई भी महिला सिपाही नही थी। रात भर महजबीन को भेलूपुर थाने मे रखा गया ।

Ø  केस के इंचार्ज राघव राम मिश्रा से मानवाधिकार कार्यकर्ता मृत्युञ्जय राय ने टेलीफोनिक वार्ता की और महजबीन के निकाह और धर्म परिवर्तन से समबन्धित तथ्यो एवम पुर्व मे दी गयी लिखित सुचना की जानकारी दी गयी।पुलिस के अनुसार अभय राम नागर के एफ.आई.आर. के आधार बिबेचना होगी फिर देखेगे, महजबीन के बयान और कोर्ट मे पेश करने के सवाल पर इंचार्ज ने फोन काट दिया ।

Ø  महजबीन की पुलिस अभिरक्षा मे उसके पिता अभय राम नागर द्दारा लगातार मानसिक उत्पीडन किया गया, वो अपने पिता से बात नही करना चाहती थी फिर वह जबरदस्ती बात करता रहा

Ø  पुलिस की बिबेचना एवम अभिरक्षा के नाम पर महजबीन को एक सप्ताह तक भेलूपुर थाना तथा महिला थाना मे रखा गया । इस दौरान महजबीन के बयान को कोई महत्व नही दिया गया । उस पर फैजुर्रहमान के खिलाफ बयान देने के लिये दबाव बनाया जाता रहा ।

Ø  30 अगस्त 2011 को फैजुर्रहमान के माननीय न्यायालय मे रिपोर्ट मगाने के लिये दिये आवेदन के बाद 3 सितम्बर 2011 को पुलिस ने महजबीन को न्यायालय मे प्रस्तुत किया ।

Ø  पुलिस ने अपनी विवेचना के आधार पर पुर्व मे लगायी गयी धारा 236,366,506 मे 376 जोड दिया जबकि महजबीन के शादी और धर्म परिवर्तन के हलफनामा और अन्य दस्तावेजो को खारिज कर दिया ।

Ø  माननीय न्यायालय मे 164 के कलम बन्द बयान मे महजबीन ने अपने बालिग होने, स्वेच्छा से धर्म-परिवर्तन एवम निकाह करने तथा अभय राम नागर द्दारा फैजुर्रहमान व उसके पिता पर लगाये सभी आरोपो को खारिज कर दिया गया । परंतु माननीय न्यायधीश ने महजबीन को पुन: नारी निकेतन भेज दिया।

Ø  7 सितम्बर 2011 को महजबीन ने अपने पति के साथ जाने एवम रहने के समबन्ध मे माननीय न्यायधीश के समक्ष हलफनाम दिया गया । ( हलफनामा संलग्न )

Ø  13 सितम्बर 2011 को माननीय न्यायधीश ने अपने फैसले मे महजबीन को पुन: 30 दिन तक नारी निकेतन मे रखने तथा न्यायालय मे पेश करने का आदेश दिया जबकि उस दिन भी महजबीन ने माननीय न्यायधीश के समक्ष अपने पति के साथ जाने व रहने की अपनी स्वेच्छा बतायी ।

Ø  19 सितम्बर 2011 को फैजुर्रहमान ने वाराणसी न्यायालय के फैसले के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय – इलाहाबाद मे रिट दाखिल की ।

Ø  2 नवम्बर 2011 को अपने फैसले मे माननीय न्यायधीश , माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद मे महजबीन के बयान के आधार पर उसे तत्काल मुक्त करने तथा अपनी स्वेच्छा से कही भी जाने का आदेश दिया ।

Ø  महजबीन अपने पति के साथ जाना चाहती थी परंतु अभय राम नागर दारा न्यायालय परिसर मे महजबीन को जबरद्स्ती ले जाने लगा। फैजूर्रहमान और महजबीन के विरोध तथा अधिवक्त्ता मनोज मिश्रा के हस्तक्षेप के बाद नारी निकेतन से महजबीन को ले गयी पुलिस ने उसे नारी निकेतन ले जाकर छोडने को कहा।

Ø  इस धटना के बाद भी पुलिसवाले महजबीन को अभय राम नागर द्दारा उपलब्ध करायी गाडी मे ही अभय राम नागर व उनके साथियो के साथ लेकर वाराणसी आये ।

Ø  फैजूर्रहमान ने उक्त घटना की सुचना तार (टेलीग्राम) द्दारा 2 नवम्बर 2011 को डी.आई.जी. –वाराणसी को दिया और न्याय व सुरक्षा की गुहार लगायी ।

Ø  माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद नारी निकेतन ने 3 नवम्बर 2011 को वाराणसी न्यायालय मे पेश किया ।

Ø  वाराणसी न्यायालय ने 5 नवम्बर 2011 को शाम 4 बजे के लगभग महजबीन को नारी निकेतन से मुक्त करने का आदेश दिया परंतु महजबीन के अपने पति के साथ जाने व सुरक्षा मुहैया कराने अनुरोध को दरकिनार कर दिया

Ø   वाराणसी प्रशासन द्दारा सुरक्षा मुहैया नही कराने के कारण अभय राम नागर व उनके साथी महजबीन को उठा ले जाने मे सफल हो गये

Ø  अपहरण की सुचना के बाद भी वाराणसी पुलिस मामले को टालमटोल करने मे लगी है ।

 

                महोदय, उपरोक्त तथ्यो के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि पुलिस द्दारा प्रारम्भ मे महजबीन द्दारा अपने धर्म – परिवर्तन एवम निकाह के समबन्ध मे भेजी गये समस्त सुचनाये व आवेदनो को पुलिस प्रशासन ने नजरन्दाज कर महजबीन के पिता अभय राम नागर के कथन एवम आवेदन पर कार्यवाही की । माननीय ए.सी.जी.एम 2 के द्दारा भी 164 के कलमबन्द बयान व पीडिता महजबीन के हलफनामा, बयान , फैजूर्र्हमान व उसके परिवार वालो के हलफनामा को भी खारिज कर महजबीन को लगभग 2 माह तक नारी निकेतन मे रखना सविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लधन है । वाराणसी पुलिस तथा माननीय ए.सी.जी.एम 2 के निर्णय तथा न्यायालय के अन्दर अभय राम नागर के अधिवक्त्ताओ द्दारा की गयी गतिबिधिया प्रारम्भ से ही गैर समवैधानिक है । पुरे प्रकरण मे वाराणसी न्यायालय तथा स्थानिय पुलिस व्यस्था की इस प्रकरण की उच्च स्तरीय ,निष्पक्ष न्यायिक जांच आवाश्यक है ।

   महोदय से अनुरोध है कि इस तरह के प्रकरण मे आनर कीलिंग की पुर्ण सम्भावना होती है । कृप्या, महजबीन की अतिशीध्र बरामदगी और उसके ससुराल वालो की सुरक्षा की जाय तथा प्रकरण की जांच करायी जाय, दोषीयो को सजा तथा महजबीन के प्रकरण / नारी निकेतन मे हुई मानसिक एवम शारीरिक उत्पीडन के लिये 5 लाख मुआवजा एवम फैजुर्रहमान के परिवार को सुरक्षा की जाय ।

 

 

 

भवदीय

 

डालेनिन

                                                                  (महा सचिव)

मानवाधिकार जन निगरानि समिति

एस.ए. 4 /2 ,दौलतपुर,वाराणसी
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